बहुत कुछ कहना चाहूँ पर
कहा कुछ भी नहीं जाए,
रब से ये गुज़ारिश है हलक के
पार कुछ आए
यूँ गुमसुम सा रहूँ कब तक
बता दे तू मेरे मौला!
कहीं तेरे बेरुख़ी से दिल
बेचारा हार न जाए।।
कहा कुछ भी नहीं जाए,
रब से ये गुज़ारिश है हलक के
पार कुछ आए
यूँ गुमसुम सा रहूँ कब तक
बता दे तू मेरे मौला!
कहीं तेरे बेरुख़ी से दिल
बेचारा हार न जाए।।
ye dil shaayrana shaayrana , shaayrana lagta hai.............Believe on Yourself nahi haroge Abhishek Bhai
जवाब देंहटाएंहा हा हा!
हटाएंभाई!
शायराना मौसम है आज-कल तो सोचा देशभक्ति से इतर भी कुछ लिख लूँ. :)
How to Face Loneliness just read it and be motivated
जवाब देंहटाएंयूँ गुमसुम सा रहूँ कब तक
जवाब देंहटाएंबता दे तू मेरे मौला!
कहीं तेरे बेरुख़ी से दिल
बेचारा हार न जाए।।
बढ़िया मित्रवर
आभार भैया।
हटाएंWritten with deep emotions.. Beautiful!
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