मेरी दुनिया तुझ तक सिमटी,
बाकी सब लगता है सपना,
माँ तू है तो दुनिया हैं ,
तेरे पास ही मुझको रहना.
बहुत दिनों से थका-थका हूँ
थपकी दे के सुला दे माँ,
तुझ से दूर रहा नहीं जाता
मुझको पास बुला ले माँ....
बाकी सब लगता है सपना,
माँ तू है तो दुनिया हैं ,
तेरे पास ही मुझको रहना.
बहुत दिनों से थका-थका हूँ
थपकी दे के सुला दे माँ,
तुझ से दूर रहा नहीं जाता
मुझको पास बुला ले माँ....
अत्यंत आत्मीय सी एक भावपूर्ण रचना ! बहुत सुन्दर !
जवाब देंहटाएंआभार मैम!
हटाएंआपकी लिखी रचना बुधवार 03 सितम्बर 2014 को लिंक की जाएगी........
जवाब देंहटाएंhttp://nayi-purani-halchal.blogspot.in आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
बहुत बहुत आभार मैम!!..mera saubhagya hoga!!
हटाएंसुंदर भाव ।
जवाब देंहटाएंShukriya sir!!!
हटाएंAchchhi rachna, sachmuch aisa lagta hai jaise aap Maa ke paas nahi hain!
जवाब देंहटाएंHan sir! Ek arsa ho gaya hai ghar gaye hue..kareeb 6 mahine...maa bahut yaad aa rahi hai..!!
हटाएंबहुत सुन्दर भाव
जवाब देंहटाएंThankyou yogi bhaiya!!...aapke tippni ka humesha mujhe intjaar rahta hai.
हटाएंआत्मीयता के भाव लिए ... माँ के प्रेम जज्ब रचना ...
जवाब देंहटाएंAbhaar sir!!..
हटाएंबहुत सुन्दर और भावपूर्ण रचना...
जवाब देंहटाएंAbhaar sir!! Blog par apka swagat hai.
हटाएंबहुत भावपूर्ण प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंAbhaar sir!! Mere blog k liye samayanikala...bahut bahut abhaar.
हटाएंbeautifuly written
जवाब देंहटाएंThanks ma'am!...
हटाएंभावुक कविता, बधाई.
जवाब देंहटाएंShukriya ma'am..blog par apka swagat hai!!
हटाएंमाँ से बहुत दिन तक दूर नहीं रह पाते बच्चे
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर ममतामयी