सोमवार, 1 सितंबर 2014

माँ

मेरी दुनिया तुझ तक सिमटी,
बाकी सब लगता है सपना,
 माँ   तू   है   तो  दुनिया हैं ,
तेरे पास ही मुझको रहना.
बहुत दिनों से थका-थका हूँ
थपकी दे के सुला दे माँ,
तुझ से दूर रहा नहीं जाता
मुझको पास बुला ले माँ....

21 टिप्‍पणियां:

  1. अत्यंत आत्मीय सी एक भावपूर्ण रचना ! बहुत सुन्दर !

    जवाब देंहटाएं
  2. आपकी लिखी रचना बुधवार 03 सितम्बर 2014 को लिंक की जाएगी........
    http://nayi-purani-halchal.blogspot.in आप भी आइएगा ....धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  3. Achchhi rachna, sachmuch aisa lagta hai jaise aap Maa ke paas nahi hain!

    जवाब देंहटाएं
  4. आत्मीयता के भाव लिए ... माँ के प्रेम जज्ब रचना ...

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुन्दर और भावपूर्ण रचना...

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत भावपूर्ण प्रस्तुति...

    जवाब देंहटाएं
  7. माँ से बहुत दिन तक दूर नहीं रह पाते बच्चे
    बहुत सुन्दर ममतामयी

    जवाब देंहटाएं