हादसों की आदत हो गई है. हादसे हर बार आंखों में ढेर सारा आंसू देकर चले जाते हैं.
अमृतसर हादसे में जिन लोगों की मौत हुई है उनकी तस्वीरें देखकर दिल थमा सा जा रहा है.
इतनी विभत्स तस्वीरें शायद ही पिछले दिनों में देखने को मिली हों.
बहुत डरावनी तस्वीरें हैं भीतर से कंपकंपा देने वाली.
दशानन का दहन हो रहा था, कइयों के आनन छिन्न-भिन्न हो गए. विभत्स तस्वीरें आ रही हैं. जिन्हें देखने के लिए साहस चाहिए.
यह प्रकृति की मार नहीं थी. न ही किसी आतंकी संगठन की पूर्वनियोजित हत्या. यह हादसा कैसे हुआ इसका अंदाजा उन लोगों भी नहीं जिनकी मौत हो गई.
रावण का पुतला अपने साथ कई जीवित लोगों को लेकर चला गया.
हादसा हुआ पंजाब के अमृतसर के जोड़ा रेल फाटक के पास. ऐसी खबरें चल रही हैं कि कम से कम 58 लोगों की मौत हो गई है और 72 से अधिक लोग घायल हो गए हैं. आंकड़े और भी बड़े हो सकते हैं.
पठानकोट से अमृतसर जा रही डेमू ट्रेन की चपेट में इतने लोग आए और चले गए. रावण दहन के साथ-साथ इतने निर्दोष लोग भी जा चुके हैं.
मृत्यु के बदले कोई मुआवजा नहीं दिया जा सकता. परिस्थितियों और प्रशासन को कोसा जा सकता है लेकिन किसी को वापस नहीं लाया जा सकता.
हे भगवान, मृतआत्माओं को शांति दें...मन बहुत उन्मन है.
-अभिषेक शुक्ल
(तस्वीर प्रतीकात्मक)