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सोमवार, 23 फ़रवरी 2015

आओ रक्तदान करें।


यूँ तो बड़ा बहुत पहले हो गया था पर बड़ा होने का एहसास आज पहली बार हुआ। आज मैंने रक्तदान किया है पहली बार, बड़ी उत्सुकता थी की कैसा अनुभव होता है जब खून निकलता है, दर्द होता है या नहीं होता है? सच कहूँ तो पता ही नहीं चला। सूई चुभने जैसा  दर्द हुआ फिर सब सामान्य हो गया।
बहुत अच्छा लग रहा है, कभी इतनी ख़ुशी नहीं मिली जितनी आज मिली है..लगा है की पहली बार ज़िन्दगी में कुछ अच्छा किया है।
ये ख़ुशी बहुत प्यारी है, आप भी रक्तदान कीजिये....ख़ुशी मिलेगी।

10 टिप्‍पणियां:

  1. सार्थक प्रस्तुति।
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    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल मंगलवार (24-02-2015) को "इस आजादी से तो गुलामी ही अच्छी थी" (चर्चा अंक-1899) पर भी होगी।
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    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  2. अच्छी बात अच्छी अच्छी अच्छी अच्छी बात !

    Good Well Done !

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  3. ये एक बहुत ही अच्छी बात है .. रक्त दान महा दान होता है ...

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  4. रक्त दान देकर आपने अत्यंत सार्थक कार्य किया है, सदैव करें और दूसरों को प्रोत्साहित करें. शुभकामनाएँ!

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  5. बहुत ही सार्थक कार्य और प्रयास किया है आपने। रक्‍तदान जीवनदान है।

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  6. रक्तदान जीवन दान है। और आपने किसी को जीवन दान दिया है। आप प्रशंसा के पात्र हैं आपका यह कार्य प्रेरक है।

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  7. अच्छी बात
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