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बुधवार, 29 जुलाई 2015

तेरा-मेरा झूठा सच

मैं आपसे कभी बात नहीं करुंगी। हमेशा फोन मैं करती हूँ आप भूल कर भी कभी कॅाल नहीं करते हो। हर बार बिज़ी होने का बहाना होता है, हर बार मैं पूछती भी हूँ बिज़ी हो? आपका फिर वही रटा-रटाया जवाब नहीं! तुम्हारे लिए नहीं।
आप सच में मुझे कभी याद करते हैं? कुछ वजूद है मेरा आपके लाइफ में?


अब तो हद हो गई। पिछले दस दिनों से आपने बात नहीं की। न फेसबुक न व्हाट्सप न स्टीकर्स, क्या हुआ है आपको?
कोई और है क्या आपकी ज़िन्दगी में?

मुझसे मन भर गया? क्यों खेल रहे हो मेरे जज्बातों के साथ? ख़त्म क्यों नहीं कर देते सब कुछ?
ख़ैर! इस रिलेशनशिप में तो मैं हमेशा अकेली ही थी, कभी आपकी साइड से कुछ था ही नहीं। प्यार नहीं! दोस्ती या कुछ दोस्ती से ज़्यादा?

सुनो मैं बहुत प्यार करती हूँ आपसे।कोई हो आपकी लाइफ में तो प्लीज़ बता देना मैं भूलकर भी याद नहीं करुंगी आपको। वैसे भी मेरे पास खुद के लिए वक्त कम है। मेरी शादी हो ही जाएगी कुछ दिनों में। कोई अजनबी ज़िंदगी भर के लिए मेरी किस्मत में मढ़ दिया जाएगा।जबरदस्ती का रिश्ता निभाना है मुझे उम्र भर के लिए। किसी ब्लैक एंड व्हाइट सेट के साथ मुझे ढकेल दिया जाएगा किसी कोने में हमेशा के लिए। मेरी सारी डिग्रियां मेरी ही तरह सड़ेंगी किसी कोने में।

आप तब तक फेमस हो जाओगे। टीवी पर भी आप दिखोगे पर मैं चैनल बदल दूंगी।आपको कभी पलट कर नहीं देखूंगी। आपकी किताबें कभी नहीं पढ़ूगीं।अख़बारों में भी आपके आर्टिकल्स नहीं पढ़ूंगी।
आपको सब चाहते हैं पर मेरे साथ ऐसा नहीं है, बहुत अकेली हूं मैं।आपसे बात करना चाहती हूँ पर आप बात तक नहीं करते।
आप मेरे साथ ऐसा करते हैं या सबके साथ?
लाइब्रेरी, क्लास, पढ़ने और लिखने के अलावा कुछ करते हैं आप?

कभी तो फ्री होते होंगे तब मुझसे बात क्यों नहीं करते? आई लव यू हद से ज्यादा। सॅारी आज मैंने आपको कुछ ज्यादा सुना दिया। मैं बहुत बुरी हूं हर बार आपको परेशान करती हूँ पर अब नहीं करूंगी। गुड बॅाय!



क्या हुआ? सॅारी यार! नेटवर्क नहीं है यहाँ। और अब तुम मेरे रिसेंट कॅाल लिस्ट में नहीं हो। मैंने सेट फार्मेट किया था तुम्हारा नंबर मिट गया। कहीं और नोट भी नहीं है।

तुम ऐसे क्यों कह रही हो? मैं ऐसा ही तो हूं।मुझे मां से बात किये हुए कई दिन बीत जाते हैं। मेरे सारे दोस्त मुझसे इसी वजह से नाराज ही रहते हैं। मैं किसी से बात नहीं करता।शायद फोन पे बात करना अच्छा नहीं लगता मुझे।

तुम कभी-कभी अजीब सी बातें क्यों करती हो? तुम सेल्फ डिपेन्डेंट हो, अच्छी सैलरी मिलती है। बालिग़ हो तो तुम क्यों किसी के साथ जबरदस्ती ब्याही जाओगी। मना कर देना सबको जब तक तुम्हारे पसंद का लड़का तुम्हें न मिले।

पसंद की तो बात मत करो आप।पसंद तो सिर्फ आप हो मुझे , मुझसे शादी करोगे?

यार प्लीज़! कोई और बात करें? जानती हो मैंने एक नयी कविता लिखी है सुनोगी?

रहने दो, ज़िन्दगी कविता हो गयी है अब कविताओं से चिढ़ होती है। कभी तो सीधा जवाब दे दिया करो..सॅारी यार! मैं तुम्हारे साथ कभी नहीं रह सकता, मैं खुद के भी साथ नहीं हूं, किसी अनजान से रास्ते की ओर कदम बढ़ते चले जा रहे हैं। वक्त धीरे-धीरे मुझे मुझसे दूर करता जा रहा है। ऐसे में मैं तुम्हें कोई उम्मीद नहीं दे सकता।

किसने कहा मुझे आपसे कोई उम्मीद है? अब इतना तो आपको समझ ही चुकी हूं।
एक्चुअली जानते हैं आपकी प्रॅाब्लम क्या है?

आप न कभी किसी रिलेशनशिप को हां सिर्फ इसलिए नहीं करते क्योंकि आपके साथ जो गुड ब्वाय वाला टैग लगा है न उसे खोने से डरते हैं। तभी शायद आपकी कोई गर्लफ्रैंड कभी थी नहीं न होगी,
बहुत मुश्किल से खुद को सम्हालती हूं । कोई इमोशन नाम की चीज़ है आपके दिल में?

ऐसा कुछ नहीं है....

बॅाय! अब मैं आपसे कभी बात नहीं करूंगी।

सुनो!

कहो!

जो तुम कह रही हो वो सच नहीं है।

तो सच क्या है?

कुछ नहीं। 'ब्रम्ह सत्यम् जगत मिथ्या'।

बॅाय! अलविदा।
रुको!

नहीं अब कोई फायदा नहीं है ......

कॅाल डिस्कनेक्टेड....

कॅाल रिजेक्टेड....काश! मुझे आज सुन लेती....कुछ बताना था..लेकिन क्या बताना था....मुझे क्या पता...तब की तब देखते।
- अभिषेक शुक्ल

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