tag:blogger.com,1999:blog-3204797356079413931.post583350831135056956..comments2024-02-25T07:42:49.607-08:00Comments on वंदे मातरम्: भारत असहिष्णु राष्ट्र नहीं हैअभिषेक शुक्लhttp://www.blogger.com/profile/06009944798501737095noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-3204797356079413931.post-49807166828140107202015-12-03T09:20:33.712-08:002015-12-03T09:20:33.712-08:00सुन्दर व सार्थक रचना प्रस्तुतिकरण के लिए आभार..
मे...सुन्दर व सार्थक रचना प्रस्तुतिकरण के लिए आभार..<br />मेरे ब्लॉग की नई पोस्ट पर आपका इंतजार....JEEWANTIPShttps://www.blogger.com/profile/17470194490274952584noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3204797356079413931.post-55425270146254670692015-12-01T03:02:29.492-08:002015-12-01T03:02:29.492-08:00सही कह रहे हैं आप सर....सही कह रहे हैं आप सर....अभिषेक शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/06009944798501737095noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3204797356079413931.post-65357179385342658862015-12-01T03:01:40.567-08:002015-12-01T03:01:40.567-08:00सर! मैं आप से सहमत हूँ...राजनीति सदैव से तटस्थता स...सर! मैं आप से सहमत हूँ...राजनीति सदैव से तटस्थता सिखाती है....और सत्ता और विपक्ष दोनों सधे हुए राजनीतिज्ञ हैं।अभिषेक शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/06009944798501737095noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3204797356079413931.post-77821456578193225902015-11-30T07:38:29.677-08:002015-11-30T07:38:29.677-08:00और असहिष्णुता देखनी है तो मेट्रो मे और शहरों में ज...और असहिष्णुता देखनी है तो मेट्रो मे और शहरों में जाईए...है ना....!!!!<br /><br /><br /><br />Madabhushi Rangraj Iyengarhttps://www.blogger.com/profile/13810087916830518489noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3204797356079413931.post-46417648996898496392015-11-29T23:40:38.842-08:002015-11-29T23:40:38.842-08:00अपने यहां लोग भेड़चाल के शिकार हैं.कोई एक बात छेड़ता...अपने यहां लोग भेड़चाल के शिकार हैं.कोई एक बात छेड़ता है और बाकि लोग उसकी हां में हाँ मिलाने लगते हैं.सहिष्णुता देखना है तो भारत के गाँवों में देखें.<br />बहुत सुंदर प्रस्तुति.<br />नई पोस्ट : <a href="http://yunhiikabhi.blogspot.in/2015/11/blog-post_28.html" rel="nofollow"> इक ख्याल दिल में समाया है</a><br />राजीव कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/01325529492703038666noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3204797356079413931.post-18042631134832276382015-11-29T09:36:20.473-08:002015-11-29T09:36:20.473-08:00अभिषेक जी,
मैं आपकी वेदना समझ रहा हूँ. लेकिन मुझे ...अभिषेक जी,<br />मैं आपकी वेदना समझ रहा हूँ. लेकिन मुझे तकलीफ इस बात से है कि जो लोग सत्ता में हैं क्या उनको यह तकलीफ नहीं है. यदि है तो वे चुप क्यों हैं.. कुछ करते क्यों नहीं. एक नहीं बहुत मौके आए किंतु उनकी बार बार की चुप्पी कहती है कि वे इससे सहमत हैं अन्यथा उनकी तरफ से कोई कदम उठाया गया होता जो नहीं हुआ... जब उनके कदम बढ़ेंगे तो कई सही कदम आगे बढ़ेंगे और गलत कदम रुकेंगे...आप भी इस पर सोचिए.. शायद सहमत हो पाएंगे.Madabhushi Rangraj Iyengarhttps://www.blogger.com/profile/13810087916830518489noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3204797356079413931.post-75388609744124462512015-11-29T08:01:53.053-08:002015-11-29T08:01:53.053-08:00क्षमा चाहता हूँ सर! किन्तु मेरी एक समस्या है मैं द...क्षमा चाहता हूँ सर! किन्तु मेरी एक समस्या है मैं देश में दोष दर्शन नहीं कर पाता..समाधान खोजने की कोशिश करता हूँ।<br />एक रोगी है जिसे तपेदिक हो गया है...अब उसके पास दो रस्ते हैं पहला ये कि वो दवा खाये और ठीक हो जाये और दूसरी ये कि दिन-रात रोटा रहे कि हाय! मुझे तपेदिक हो गया है। कौन सा रास्ता सही है? तपेदिक की माला जपने वाला या दवा खाने वाला। जितने बुद्धि जीवी लोग हाय तौबा मैच रहे हैं उतने ही संख्या में लोग एक बार आपस में सामंजस्य स्थापित कराने के लिए प्रयत्नशील हो जाएँ तो ये बीमारी कुछ दिनों में ठीक हो जायेगी......आशा है आप मेरी भावना समझ गए होंगे।अभिषेक शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/06009944798501737095noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3204797356079413931.post-51155807010146271262015-11-28T20:14:10.792-08:002015-11-28T20:14:10.792-08:00शुक्ला जी,
एक शब्द में कहना कि भारत असहिष्णु राष्ट...शुक्ला जी,<br />एक शब्द में कहना कि भारत असहिष्णु राष्ट्र नहीं है शायद ठीक हो किंतु ध्यान रहे कि असहिष्णुता बढ़ रही है. आपके लेख के वक्तव्यों के अनुसार ही देखें - जैसे वक्तव्य हिंदू वादी संगठनों के आ रहे हैं , जिस बाषा में नेता भी बात करने लगे हैं. यहाँ तक कि एक राज्यपाल ने भी कहा मुसलमान पाकिस्तान चले जाएं.. यह क्या सहिष्णुता की उदाहरण हैं. भले ही हिंदू संगठन भाजपा नहीं हैं किंतु<br />उन सबका गठबंधन तो है ही...सब एक ही थे और एक ही हैं भले राजनीतिक सुविधा व फायदे के लिए अलग अलग घोषित किए जाएं. यदि किसी ने पुरस्कार लौटाया है तो क्या किसी ने उनसे बात करने - जानने की कोशिश की है कि ऐसा क्यों.. बनिस्पत हमने उनपर आक्षेप लगाए हैं.. यह है सहिष्णुता.. कहाँ तक लिखा जाए...ऐसे कई उदाहरण हैं. इस पर कृपया पुनः सोचें.Madabhushi Rangraj Iyengarhttps://www.blogger.com/profile/13810087916830518489noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3204797356079413931.post-84532559115697935012015-11-28T06:38:24.272-08:002015-11-28T06:38:24.272-08:00दर्द कम हो जायेगा आहिस्ता-आहिस्तादर्द कम हो जायेगा आहिस्ता-आहिस्ताअभिषेक शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/06009944798501737095noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3204797356079413931.post-14469451132371962682015-11-28T06:37:27.585-08:002015-11-28T06:37:27.585-08:00आभार गुरु जी!आभार गुरु जी!अभिषेक शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/06009944798501737095noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3204797356079413931.post-67183295015571145132015-11-28T06:30:11.839-08:002015-11-28T06:30:11.839-08:00बिल्कुल नहीं है। दर्द यहाँ बहुत है पर है । बिल्कुल नहीं है। दर्द यहाँ बहुत है पर है । सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3204797356079413931.post-7930853652574351072015-11-28T06:04:46.467-08:002015-11-28T06:04:46.467-08:00आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (29-...आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (29-11-2015) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow">"मैला हुआ है आवरण" (चर्चा-अंक 2175) </a> पर भी होगी।<br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />--<br />चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।<br />जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.com